2 ल्हासा की ओर
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न
1.थोड्ला
के
पहले
के
आखिरी
गाँव
पहुँचने
पर
भिखमंगे
के
वेश
में
होने
के
बावजूद
लेखक
को
ठहरने
के
लिए
उचित
स्थान
मिला
जबकि
दूसरी
यात्रा
के
समय
भद्र
वेश
भी
उन्हें
उचित
स्थान
नहीं
दिला
सका।
क्यों?
उत्तर-इसका मुख्य कारण था-संबंधों का महत्त्व। तिब्बत में इस मार्ग पर यात्रियों के लिए एक-जैसी व्यवस्थाएँ नहीं थीं। इसलिए वहाँ जान-पहचान के आधार पर ठहरने का उचित स्थान मिल जाता था। बिना जान-पहचान के यात्री को भटकना पड़ता था। दूसरे, तिब्बत के लोग शाम छः बजे के बाद छङ पीकर मस्त हो जाते थे। तब वे यात्रियों की सुविधा का ध्यान नहीं रखते थे।
प्रश्न 2.उस समय के तिब्बत में हथियार का कानून न रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकारे का भय बना रहता था?
उत्तर-उस समय तिब्बत में हथियार संबंधी कानून न होने से यात्रियों को हमेशा अपनी जान को खतरा बना रहता था। लोग हथियारों को लाठी-डंडे की तरह लेकर चलते थे। डाकू अपनी रक्षा के लिए यात्रियों या लोगों को पहले मार देते थे, तब देखते थे कि उनके पास कुछ है भी या नहीं। इस तरह हमेशा जान जोखिम में रहती थी।
प्रश्न
3.लेखक
लड्कोर
के
मार्ग
में
अपने
साथियों
से
किस
कारण
पिछड़
गया?
उत्तर-लेखक लङ्कोर के मार्ग में अपने साथियों से दो कारणों से पिछड़ गया उसका घोड़ा बहुत सुस्त था। वह रास्ता भटककर एक-डेढ़ मील गलत रास्ते पर चला गया था। उसे वहाँ से वापस आना पड़ा।
प्रश्न
4.लेखक
ने
शेकर
विहार
में
सुमति
को
उनके
यजमानों
के
पास
जाने
से
रोका,
परंतु
दूसरी
बार
रोकने
का
प्रयास
क्यों
नहीं
किया?
उत्तर-लेखक जानता था कि शेकर विाहर में सुमति के यजमान रहते हैं। सुमति उनके पास जाकर बोध गया के गंडों के नाम पर किसी भी कपड़े का गंडा देकर दक्षिणा वसूला करते थे। इस काम में वे हफ़्ता लगा देते, इसलिए मना कर दिया।
प्रश्न
5.अपनी
यात्रा
के
दौरान
लेखक
को
किन
कठिनाइयों
का
सामना
करना
पड़ा?
उत्तर-अपनी तिब्बत-यात्रा के दौरान लेखक को विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। एक बार वह भूलवश रास्ता भटक गया। दूसरी बार, उसे बहुत तेज धूप के कारण परेशान होना पड़ा।
प्रश्न
6.प्रस्तुत
यात्रा-वृत्तांत के आधार पर बताइए कि उस समय का तिब्बती समाज कैसा था?
उत्तर-इस यात्रा वृतांत से पता चलता है कि उस समय तिब्बती समाज में परदा प्रथा, छुआछूत जैसी बुराइयाँ न था। महिलाएँ अजनबी लोगों को भी चाय बनाकर दे देती थी। निम्न श्रेषी के भिखमंगों को छोड़कर कोई भी किसी के घर में आ जा सकता था। पुरुषवर्ग शाम के समय छक पीकर मदहोश रहते थे। वे गंडों पर अगाध विश्वास रखते थे। समाज में अंधविश्वास का बोलबाला था।
प्रश्न
7.‘मैं
अब
पुस्तकों
के
भीतर
था।’
नीचे
दिए
गए
विकलों
में
से
कौन-सा इस वाक्य का अर्थ बतलाता है-
(क) लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया।
(ख) लेखक पुस्तकों की शैल्फ़ के भीतर चला गया।
(ग) लेखक के चारों ओर पुस्तकें ही थीं।
(घ) पुस्तक में लेखक का परिचय और चित्र छपा था।
उत्तर-(क) लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया।
प्रश्न
8.सुमति
के
यजमान
और
अन्य
परिचित
लोग
लगभग
हर
गाँव
में
मिले।
इस
आधार
पर
आप
सुमति
के
व्यक्तित्व
की
किन
विशेषताओं
का
चित्रण
कर
सकते
हैं?
उत्तर-सुमति के यजमान और परिचितों के हर गाँव में मिलने से उनकी अनेक विशेषताओं का पता चलता है; जैसे-
सुमति
मिलसार
और
हँस–मुख व्यक्ति थे जिनकी जान-पहचान का दायरा विस्तृत था।
सुमति
अपने
यजमानों
को
बोध
गया
से
लाए
कपड़े
के
गंडे
बनाकर
दिया
करते
थे
और
उनसे
दक्षिणा
लेते
थे।
सुमति
लोगों
की
आस्था
का
अनुचित
लाभ
उठाते
थे
पर
इसकी
खबर
लोगों
को
नहीं
लगने
देते
थे।
वे
बौद्ध
धर्म
में
गहरी
आस्था
रखते
थे।
प्रश्न
9.हालाँकि
उस
वक्त
मेरा
भेष
ऐसा
नहीं
था
कि
उन्हें
कुछ
भी
ख़याल
करना
चाहिए
था।’-उक्त कथन के अनुसार हमारे आचार-व्यवहार के तरीके वेशभूषा के आधार पर तय होते हैं। आपकी समझ से यह उचित है अथवा अनुचित, विचार व्यक्त करें।
उत्तर-यह बात सच है कि हमारे आचार-व्यवहार के तरीके वेशभूषा के आधार पर तय होते हैं। हम अच्छा पहनावा देखकर किसी को अपनाते हैं तो गंदे कपड़े देखकर उसे दुत्कारते हैं। लेखक भिखमंगों के वेश में यात्रा कर रहा था। इसलिए उसे यह अपेक्षा नहीं थी कि शेकर विहार का भिक्षु उसे सम्मानपूर्वक अपनाएगा।
मेरे
विचार
से
वेशभूषा
देखकर
व्यवहार
करना
पूरी
तरह
ठीक
नहीं
है।
अनेक
संत-महात्मा और भिक्षु साधारण वस्त्र पहनते हैं किंतु वे उच्च चरित्र के इनसान होते हैं, पूज्य होते हैं। परंतु यह बात भी सत्य है कि वेशभूषा से मनुष्य की पहचान होती है। हम पर पहला प्रभाव वेशभूषा के कारण ही पड़ता है। उसी के आधार पर हम भले-बुरे की पहचान करते हैं।
प्रश्न
10.यात्रा-वृत्तांत के आधार पर तिब्बत की भौगोलिक स्थिति का शब्द-चित्र प्रस्तुत करें। वहाँ की स्थिति आपके राज्य/ शहर से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर यात्रा
वृत्तांत
से
ज्ञात
होता
है
कि
तिब्बत
भारत
और
नेपाल
से
लगता
हुआ
देश
है
जहाँ
कुछ
समय
तक
आने-जाने पर प्रतिबंध था। यह स्थान समुद्र तल से काफ़ी ऊँचा है। यहाँ सत्रह-अठारह हजार फीट ऊँचे डाँड़े हैं जो खतरनाक जगहें हैं। ये डाँडे नदियों के मोड़ और पहाड़ी की चोटियों के कारण बहुत ऊँचे-नीचे हैं। यहाँ एक ओर हज़ारों बरफ़ से ढंके श्वेत शिखर हैं तो दूसरी ओर भीटे हैं जिन पर बहुत कम बरफ़ रहती है। यहाँ विशाल मैदान भी हैं जो पहाड़ों से घिरे हैं। यहाँ के विचित्र जलवायु में सूर्य की ओर मुँह करके चलने पर माथा जलता है जबकि कंधा और पीठ बरफ़ की तरह ठंडे हो जाते हैं। यह स्थिति हमारे राज्य/शहर से पूरी तरह भिन्न है।
प्रश्न
12. यात्रा-वृत्तांत गद्य साहित्य की एक विधा है। आपकी इस पाठ्यपुस्तक में कौन-कौन सी विधाएँ हैं? प्रस्तुत विधा उनसे किन मायनों में अलग है?
उत्तर-क्षितिज के पाठ और विधाएँ इस प्रकार हैं-
पाठ
– विधा
दो
बैलों
की
कथा
– कहानी
ल्हासा
की
ओर
– यात्रा
वृत्तांत
उपभोक्तावाद
की
संस्कृति
– निबंध
साँवले
सपनों
की
याद
– संस्मरण
नाना
साहब
की
पुत्री
देवी
– रिपोर्ताज
मैना
को
भस्म
कर
दिया
गया
प्रेमचंद
के
फटे
जूते
– व्यंग्य
मेरे
बचपन
के
दिन
– संस्मरण
एक
कुत्ता
और
एक
मैना
– निबंध
यह
पाठ
अन्य
विधाओं
से
इसलिए
अलग
है
क्योंकि
यह
यात्रा
वृत्तांत’
है
जिसमें
लेखक
द्वारा
तिब्बत
की
यात्रा
का
वर्णन
किया
गया
है।
यह
उसकी
यात्रा
का
अनुभव
है
न
कि
मानव
चरित्र
का
चित्रण
जैसा
कि
अन्य
विधाओं
में
होता
है।
भाषा अध्ययन
प्रश्न
13.
किसी
भी
बात
को
अनेक
प्रकार
से
कहा
जा
सकता
है,
जैसे-
सुबह
होने
से
पहले
हम
गाँव
में
थे।
पौ
फटने
वाली
थी
कि
हम
गाँव
में
थे।
तारों
की
छाँव
रहते-रहते हम गाँव पहुँच गए।
नीचे
दिए
गए
वाक्य
को
अलग-अलग तरीके से लिखिए-
‘जान नहीं पड़ता था कि घोड़ा आगे जा रहा है या पीछे।’
उत्तर- पता नहीं चलता था कि घोड़ा आगे जा रहा है या पीछे।
कभी
लगता
था
कि
घोड़ा
आगे
जा
रहा
है,
कभी
लगता
था
पीछे
जा
रहा
है।
प्रश्न
14.ऐसे
शब्द
जो
किसी
‘अंचल’
यानी
क्षेत्र
विशेष
में
प्रयुक्त
होते
हैं
उन्हें
आंचलिक
शब्द
कहा
जाता
है।
प्रस्तुत
पाठ
में
से
आंचलिक
शब्द
ढूँढ़कर
लिखिए।
उत्तर- भरिया, छङ्, तिी , फरीकलिपोर चोकी डाँड़ा थुक्पा कंजुर, खोटी आदि।
प्रश्न
15. पाठ में कागज, अक्षर, मैदान के आगे क्रमशः मोटे, अच्छे और विशाल शब्दों का प्रयोग हुआ है। इन शब्दों से उनकी विशेषता उभर कर आती है। पाठ में से कुछ ऐसे ही और शब्द छाँटिए जो किसी की विशेषता बता रहे हों।
उत्तर- इस पाठ में प्रयुक्त विशेषण शब्द निम्नलिखित हैं- मुख्य, व्यापारिक, सैनिक, फ़ौजी, चीनी, बहुत-से, परित्यक्त, टोटीदार, सारा, दोनों, आखिरी, अच्छी, भद्र, गरीब, विकट, निर्जन, हजारों, श्वेत, बिल्कुल नंगे, सर्वोच्च, रंग-बिरंगे, थोड़ी, गरमागरम, विशाल, छोटी-सी, कितने-ही, पतली-पतली चिरी बत्तियाँ।
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