इस जल प्रलय में
1)लेखक ने एक ओर बाढ़ पीड़ितों की मदद की है तो दूसरी तरफ इस विषय पर बहुत कुछ
लिखा भी है | स्पष्ट कीजिए |
उत्तर-लेखक परती क्षेत्र का होने के कारण
अपने गाँव के अन्य लोगों की तरह तैरना नहीं जानता था | इसके बावजूद भी दस साल की उम्र से ही वह बॉय–स्काउट,स्वयं सेवक,राजनीतिक कार्यकर्ता अथवा रिलीफ़ वर्कर की
हैसियत से बाढ़-पीड़ित क्षेत्र में
कार्य करता रहा | इसके साथ ही हाईस्कूल
में बाढ़ पर लेख लिखकर प्रथम स्थान प्राप्त किया |लेखक ने ‘धर्म युग ’ में कथा दशक के अंतर्गत बाढ़ की पुरानी
कहानी को नए पाठ के साथ प्रस्तुत किया | जय गंगा मैया ,दायाँ कोसी ,हड्डियों का
पल आदि रिपोर्ताज के साथ उनके द्वारा लिखे
अनेक उपन्यासों में बाढ़ की विनाशलीला के चित्र अंकित हैं |
2)सबेरे साढ़े पाँच बजे पानी आने की खबर सुनकर लेखक की क्या प्रतिक्रिया हुई ? उसने क्या दृश्य देखा ?
उत्तर- सबेरे साढ़े पाँच बजे पानी आने की खबर सुनकर लेखक आंखे मलता हुआ छत पर गया | पानी से घिरे लोग चीख-पुकार रहे हैं | चारों ओर शोर ही
शोर है | पानी का बहाव तेज
है | घर के पीछे तक पानी आ गया है | लगातार बढ़ते पानी को कुछ लोग गंगा का
बता रहे हैं ,कुछ सन का | बढ़ते हुए पानी में मकान की दीवारें, पेड़ों के तने डूबते जा रहे हैं | उसके देखते-देखते गोलपार्क डूब गया | चाय
वाले की झोंपड़ी बह गई | इन
दृश्यों को देख कर लेखक सोचता है कि उसके पास यदि मूवी कैमरा या टेपरिकार्डर होता
तो फोटो खींचता तथा आवाज और शोर-शराबे
को टेप कर लेता |
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