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इस जल प्रलय में/अभ्यास प्रश्न


इस जल प्रलय में : फनीश्वरनाथ रेणु

प्रश्न 1      बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे?
उत्तर         बाढ़ की खबर सुनकर लोग अपनी सुरक्षा के प्रबंध और अत्यावश्यक सामानों को जुटाने में लग गये| उन्होंने आवश्यक इंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, पीने का पानी और कम्पोज की गोलियां इकट्ठी क्र ली ताकि बाढ़ से घिर जाने पर कुछ दिनों तक गुजारा चल सके|

प्रश्न 2      मृत्यु का तरल दूतकिसे कहा गया है और क्यों?
उत्तर         बाढ़ के लगातार बढ़ते जल को मृत्यु का तरल दूतकहा गया है और क्योंकि बाढ़ के इस जल ने न जाने कितने प्राणियों को उजाड़ दिया था और बेघरबार करके मौत की नींद सुला दिया था| इस तरह जल के कारण लोगों को मरना पड़ा, इसलिए मृत्यु का तरल दूतकहा गया है|

प्रश्न 3      बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री क्यों बढ़ गयी थी ?
उत्तर         बाढ़ आने का खतरा बढ़ जाने पर एनी सामानों की दुकानें जहाँ बंद होने लग गयी थी, वहीँ पान की बिक्री बढ़ गयी थी क्योंकि लोग बाढ़ को देखने के लिए बहुत बड़ी संख्या में इकट्ठे हो गये थे| वे बाढ़ से भयभीत नहीं थे, बल्कि हंसी- ख़ुशी और कौतुहल से युक्त थे| ऐसे समय में पान उनके लिए समय गुजारने का सबसे अच्छा साधन था|

प्रश्न 4      मुसहरीलोग जिन्दादिली के प्रमाण होते हैं| स्पष्ट कीजिये|
उत्तर         मुसहरी एक आदिवासी जाती है जो वनों में रहकर दोने पत्तल बनाकर अपना गुजरा करती है| इनकी जिन्दादिली के कारण बाढ़ का पानी इनकी ख़ुशी कम नही कर पाया| बाढ़ में कई दिनों के भूखे-प्यासे मुसहरी लोग मछलियाँ और चूहे भूनकर खाने को विवश थे, पर ढोल- खरीद की थाप पर वे अभिनय करते हुए आनन्द उत्सव मनाते हुए हँसी खिलखिलाहट बिखेर रहे थे| इससे स्पष्ट है कि मुसहरी जिन्दादिली के प्रमाण होते हैं|

प्रश्न 5      लेखक की बाढ़ से घिरे द्वीप पर टहलने की इच्छा अधूरी क्यों रह गयी ?
उत्तर         बाढ़ का पानी जब चरों ओर बढ़ रहा था तब लेखक की इच्छा हुई थी की बाढ़ के पानी से घिरे द्वीप पर चलकर कुछ घूम टहल लें, जिससे उसके पेरों को आराम मिल सके पर द्वीप पर सांप-बिच्छू, चींटी चींटे, लोमड़ी- सियार, आदि जानवरों के अलावा अन्य जीवों ने अपना अस्थायी आश्रय बना लिया था, जिससे लेखक की इच्छा अधूरी रह गयी थी|

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