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वाच्य


  वाच्य

वाच्य का शाब्दिक अर्थ है – बोलने का विषय | हम जो कुछ बोलते हैं तब हमारे ध्यान के केन्द्र में कोई व्यक्ति , वस्तु अथवा कार्य अवश्य रहता है | अतः क्रिया के जिस रूप से ये ज्ञात हो कि क्रिया का प्रयोग करता के अनुसार है या कर्म के अनुसार या भाव के अनुसार उसे वाच्य कहते हैं |
वाच्य के भेद
वाच्य के तीन भेद हैं –
·         कर्तृवाच्य
·         कर्मवाच्य
·         भाववाच्य
कर्तृवाच्य :- जिन वाक्यों में कर्ता की प्रधानता होती है और क्रिया का विधान कर्ता के लिंग वचन के अनुसार होता है , उसे कर्तृवाच्य कहते हैं | उदाहरण –
(क)  लड़के क्रिकेट खेल रहे हैं |
(ख) रोहन पुस्तकें खरीद रहा है |
(ग)  कबूतर दाना चुग रहे हैं |
(घ)  सूर्य चमक रहा है |
(ङ)   महक निबंध लिखती है |
पहचान – कर्ता प्रमुख , क्रिया कर्ता के अनुसार , कर्ताप्रथम विभक्ति में |
कर्मवाच्य:- जिस वाक्य में क्रिया के लिंग और वचन कर्म के अनुसार होते हैं वाच्य बिंदु कर्ता न होकर कर्म होता है, उसे कर्मवाच्य कहते हैं | उदाहरण :-
(क) शैवी से स्कूल जाया जाता है |
(ख) रमा से दूध पिया जाता है |
(ग)  परीक्षा में प्रश्न-पत्र बांटे गए |
(घ)  बालक से पत्र लिखा जाता है |
पहचान – ध्यान देने योग्य बात यह है कि कर्मवाच्य में कर्ता का लोप होता है या कर्ताके साथ “द्वारा”, “के द्वारा”, या “से” जोड़ा जाता है, इस कारण कर्तागौण हो जाता है तथा उसमें सकर्मक क्रियांए प्रयुक्त होती हैं |
भाववाच्य:- जिन वाक्यों में वाच्य बिंदु न कर्ता हो , न कर्म हो बल्कि क्रिया का भाव ही मुख्य हो , उसे भाववाच्य कहा जाता है | उदाहरण :-
(क) मुझसे चला नहीं जाता |
(ख) अब उठा जाए |
(ग)  थोड़ी देर सो लिया जाए |
(घ)  अब खेला जाये |
(ङ)   बच्चों द्वारा हंसा जाता है |
 पहचान – भाव प्रमुख,क्रिया-एकवचन, पुल्लिंग ,अन्य पुरुष तथा सामान्य भूत कल में |
--वाच्य संबंधी कुछ महत्त्वपूर्ण बिंदु –-
        I.            कर्तृवाच्य में अकर्मक एवं सकर्मक दोनों प्रकार की क्रियाओं का प्रयोग होता है |
      II.            कर्मवाच्य वहीँ होगा जहाँ कर्म होता है , अर्थात् केवल सकर्मक क्रियाओं में ही कर्मवाच्य होता है |
    III.            भाववाच्य सदैव अकर्मक क्रियाओं में अन्य पुरुष पुल्लिंग तथा एकवचन में होता है |
    IV.            कर्मवाच्य तथा भाववाच्य के निषेधात्मक वाक्यों में जहाँ कर्ता के बाद के द्वारा /द्वारा या से परसर्ग का प्रयोग किया जाता है |
      V.            कर्मवाच्य तथा भाववाच्य के निषेधात्मक वाक्यों में जहाँ कर्ता तथा से परसर्ग का प्रयोग होता है वहाँ एक अन्य असमर्थता सूचक अर्थ की भी अभिव्यक्ति होती है |
जैसे :-
·            मुझसे किताब नहीं पढ़ी जाती |
·            पिताजी से पैदल नहीं चला जाता |
    VI.            कर्तृवाच्य के सकारात्मक वाक्यों में सामर्थ्य को सूचित किया जाता है |
हिंदी में क्रिया का एक ऐसा रूप भी है जो  कर्मवाच्य की तरह प्रयुक्त होता है – वह है सकर्मक क्रिया से बना उसका अकर्मक रूप जिसे व्युत्त्पन्न अकर्मक कहते हैं |
         जैसे:-       
·         गिलास टूट गया | (तोड़ना से टूटना रूप )
--वाच्य परिवर्तन--
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाना

1)      कर्तृवाच्य की मुख्यक्रिया का सामान्य भूतकाल में परिवर्तन |
2)      कर्ता के साथ “द्वारा”, “के द्वारा” या  “से” लगाएँ|
3)      क्रिया के परिवर्तित रूप के साथ काल, पुरुष,वचन तथा लिंग के अनुसार क्रिया का रूप जोडें |
4)      यदि कर्म के साथ विभक्ति लगी हो तो उसे हटा दें |
उदाहरण-
कर्तृवाच्य
कर्मवाच्य
प्रधानमंत्री ने सफाई अभियान चलाया|
प्रधानमंत्री के द्वारा सफाई अभियान चलाया गया|
सोनल काम कर रही है |
सोनल से काम किया जा रहा है |
तुलसीदास ने रामायण लिखी |
तुलसीदास द्वारा रामायण लिखी गयी |
मजदूर मजदूरी करेंगे |
मजदूरों द्वारा मजदूरी की जाएगी |
मैंने पत्र लिखा |
मेरे द्वारा पत्र लिखा गया |

कर्तृवाच्य से भाववाच्य  बनाना
        भाववाच्य में कर्म नहीं होता | मूल कर्ता की दो स्थितियाँ होती हैं  |
1)      उसके आगे “से” लगता है |
2)      उसका उल्लेख ही नहीं होता |
जैसे – मैं अब चल नहीं सकता |
     मुझसे अब चला नहीं जाता |
भाववाच्य में क्रिया सदा एकवचन, पुल्लिंग,अकर्मक तथा अन्य पुरुष में रहती है |
  उदाहरण-
          कर्तृवाच्य
भाववाच्य
चलो, अब चलें |
चलो , अब चला जाए |
मैं खड़ा नहीं हो सकता |
मुझसे खड़ा नहीं हुआ जाता |
हम इतना पढ़ नहीं सकते |
हमसे इतना पढ़ा नहीं जाता |
पक्षी उड़ेंगे |
पक्षियों द्वारा उड़ा जायेगा |

प्रश्न अभ्यास

1.      निर्देशानुसार उत्तर दीजिये –
(क)  आओ कुछ बातें करें | (कर्मवाच्य)
(ख) अशोक कभी चुप नहीं बैठता | (भाववाच्य)
(ग)  इसी कारण लड़की को अंतिम पूँजी कहा गया है | (कर्तृवाच्य)
(घ)  माँ परंपरा से हटकर उसको सीख दे रही है | (कर्मवाच्य)
(ङ)   तुम टहल ही नहीं सकते हो |(भाववाच्य)
उत्तर :-   
(क) आईए! कुछ बातें की जाएँ |
(ख) अशोक कभी चुप नहीं बैठता |
(ग)  इसी कारण लड़की को अंतिम पूँजी कहते हैं |
(घ)  माँ द्वारा परंपरा से हटकर उसको सीख दी जा रही है|
(ङ)   तुमसे टहला ही नहीं जा सकता |
2.      सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखें ­–
1)      जिस वाक्य में कर्ता के अनुसार क्रिया का रूप बदलता है ,उसे कहते हैं -
    (क) भाववाच्य                (ख)कर्मवाच्य
    (ग)साधारण वाच्य            (घ)कर्तृवाच्य
2)      जिस वाक्य में कर्म के अनुसार क्रिया का रूप बदलता है , उसे कहते है-
    (क) कर्मवाच्य                (ख)भाववाच्य
    (ग)कर्तृवाच्य                 (घ)अन्य
3.      वाच्य बताएं –
1)      प्रधानमंत्री द्वारा भाषण दिया गया |
    (क) भाववाच्य                (ख)कर्मवाच्य
    (ग)कर्तृवाच्य                 (घ)अन्य
2)      मीना उपन्यास पढ़ती है |
    (क)कर्तृवाच्य(ख)कर्मवाच्य
    (ग)भाववाच्य             (घ)इनमे से कोई नहीं

3)      माँ से चला भी नहीं जाता |
    (क) कर्मवाच्य                (ख) भाववाच्य
    (ग)कर्तृवाच्य(घ)अन्य

4)      सुमित्रा द्वारा पत्र पढ़ा गया |

    (क)कर्मवाच्य                  (ख)कर्तृवाच्य
    (ग)भाववाच्य                  (घ)अन्य
5)      भाववाच्य छाँटें-
(क)  लता से सोया नहीं जाता |
(ख) लता सो नहीं सकती |
(ग)  लता सो नहीं पाती |
(घ)  लता नहीं सो सकती |
उत्तर
2-1)घ ,2-2)-ग, 3-1)ख3-,2)-क,3-3)ख,-4)क,-5)क

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