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उपसर्ग


उपसर्ग

जो शब्दांश किसी मूल शब्द के पहले जुडकर उसके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता उत्पन्न कर देते है ,उन शब्दान्शो  को  उपसर्ग कहते है | जैसे हारएक शब्द है।इस शब्द के पहले यदि  सम् , वि ,प्र उपसर्ग जोड़ दिए जाय ,तोसम् + हार=संहार, ,वि + हार = विहार, प्र + हार =प्रहार तथा उप +हार= उपहार शब्द बनेगे।यहाँ उपसर्ग जुड़कर बने सभी शब्दों का अर्थ हार शब्द से विभिन्न है।

1. उपसर्ग का अपना स्वतंत्र अर्थ नही होता, मूल शब्द के साथ जुड़कर ये नया अर्थ देते हैं।इनका स्वतंत्र प्रयोग नही होता।जब किसी मूल शब्द के साथ कोई उपसर्ग जुड़ता है तो उनमें सन्धि के नियम भी लागू होते है। संस्कृत उपसर्ग जुड़ता है | जैसे आरम्भ का अर्थ है शुरुआत | इसमे प्रउपसर्ग जोड़ने पर नया शब्द प्रारंभबनता है जिसका अर्थ भी शुरुआतही निकलता है |

2.विशेष यह जरुरी नहीं है कि एक शब्द के साथ एक ही उपसर्ग जुड़े |कभी कभी एक शब्द के साथ एक से आधिक उपसर्ग जुड सकते है | जैसे
सम् ++लोचन =समालोचन |
सु++गत =स्वागत |
प्रति +उप +कार= प्रत्युपकर |
सु + प्र +स्थान =सुप्रस्थान |
सत्++चार =सदाचार |
अन्++गत =अनागत |
अन् ++चार =अनाचार |
+परा+जय =अपराजय |

3. उपसर्ग के भेद
हिंदी भाषा में चार प्रकार के उपसर्ग प्रयुक्त होते है
1    संस्कृत के उपसर्ग
2   देशी अर्थात हिंदी के उपसर्ग
3   विदेशी अर्थात उर्दू ,अंग्रेजी फारसी आदि भाषाओं  के उपसर्ग
4   अव्यय शब्द ,जो उपसर्ग की  तरह प्रयुक्त होते है |

    1) संस्कृत के उपसर्ग
     संस्कृत के उपसर्ग में कुल बाईस उपसर्ग होते है | वे उपसर्ग  तत्सम शब्दों के साथ  हिंदी में प्रयुक्त होते है | इसलिए इन्हे संस्कृत के उपसर्ग कहते है |

उपसर्ग
अर्थ
उपसर्ग से निर्मित शब्द
अति  
अधिक
अतिशय,अत्याचार,अतिसार , अतीय, अत्यल्प
आ        
तक ,सहित
आजीवन , आकार , आजीविका ,आजन्म,आगमन ,
आक्रमण,  आहार
अधि    
प्रधान ,श्रेष्ठ   
अधिकार ,अधिनियम ,अध्यक्ष
अपि    
निश्चय ,ओर भी   
अपितु ,अपिधान ,अपिहित ,अपिवृत
अप        
बुरा ,आभाव
अपयश ,अपकार ,अपव्यय ,अपहरण ,अपमान
अनु    
पीछे ,क्रम
अनुसार ,अनुग्रह ,अनुकूल ,अनुकरण
अभी    
सामने ,पास
अभिमान ,अभिमुख ,अभिमत ,अभिनय ,अभिनव
अव       
हिन् ,बुरा
अवगुण ,अवतार ,अवनति ,अवशेष ,अवसान ,अवकाश
उत्    
ऊँचा ,श्रेष्ठ
उत्कंठा,उत्थान,उत्तम,उत्पन्न,उत्पति,उत्साह
उप  
पास,सहायक
उपकार , उपमान , उपयोग
द्रुर  
बुरा,कठिन,
विपरीत
दुर्जन ,दुर्दशा ,दुर्लभ ,दुराचार ,दुराशा ,दुराग्रह ,दुर्भाग्य
दुस्
बुरा,कठिन
दुस्साहस ,दुष्कर ,दुश्शासन,दुष्कर्म ,दुस्साध्य,दुस्तर
नि  
रहित ,विशेष
निपुण , निगम , निबन्ध 
निर्         
निषेध,विपरीत
निर्लज्ज ,निर्भय ,निर्णय ,निर्दोष ,निरपराध
निस्
रहित ,बड़ा  
निश्चय,निस्सार,निष्काम,निस्तारण,निष्कासन
परा   
पीछे,तिस्कार
 पराजय , पराभव ,पराधीन ,परावर्तन ,परास्त
प्रति
प्रत्येक  ,उल्टा
प्रतिदिन ,प्रतिनिधि ,प्रत्यक्ष ,प्रतिकूल ,प्रतिमास
प्र    

अधिक ,आगे             
प्रथम ,प्रबल ,प्रहार ,प्रभाव ,प्रकार ,प्रदान ,प्रलय ,  प्रमाण ,प्रदीप
वि      

अभाव ,विशेष,भिन्न
वियोग ,विनाश ,विजय ,विदेश ,विपक्ष ,विचार, विराम
सम्                 
संपूर्ण ,उतम
संसार ,संतोष ,संयोग,संकल्प ,स्वाद ,समाचार
सु          
अधिक,सरल
सुलेख ,सुपुत्र ,सुगम ,सुकर ,सुदिन ,सुलभ ,सुमन , सुशिल ,सुविचार

2)हिंदी के उपसर्ग -

उपसर्ग
अर्थ
उपसर्ग से निर्मित शब्द 
रहित ,निषेध
अचेतन,अनाज,असाध्य ,अटल ,अमर
अन
अभाव ,निषेध
अनपढ़ ,अनबन ,अनमोल ,अनमेल ,अनहित
आप
स्वयं
आपबीती ,आपकाज,आपकही,आपसुनी,आपकर 

उचक्का,उछलना,उभार,उखाड़ना
उन
एक कम
उन्नीस ,उनतिस,उनसठ ,उन्ह्तर
हिन् ,निषेध
औगुण,औरस,औधड़,औधट
बुरा
कपूत ,कलंक ,कठोर ,कसूर ,कमर,कमाल ,कपास
का
बुरा
कायर ,काजल ,कातर,कातिल,कायम
कु
बुरा ,हिन
कुरूप ,कुपुत्र ,कुकर्म ,कुमार्ग ,कुमति
चौ
चार
चौराहा,चौपाल ,चौपाई ,चौगुना 
ति
तिन
तिराहा ,तिनोका ,तिरंगा ,तिपाई ,तिमाही ,तिगुनी
पंच
पॉच
पंचरंगा ,पंचमेल , पंचकुटा
पर
दूसरा
परदेश ,परकोटा ,परहित ,परदेशी
बिन
बिना
बोयाबिन ,बिनजाना ,बिनसोचा
भर
पूरा
भरपेट ,भरपूर ,भरकम ,भरसक ,भरपाई
सहित
सपूत ,सफल ,सबल ,सजग ,सचेत ,सकाम
सम
सामान
समतल ,समदर्शी ,समरस ,सममित

3).विदेशी उपसर्ग
हिंदी में विदेशी भाषाओं के उपसर्ग भी प्रयुक्त होते हैं | विशेष रुप से उर्दू ,फारसी ओंर अंग्रेजी के कई उपसर्ग अपनाये जाते हैं | इनमें से कतिपय इस प्रकार हैं
1) उर्दू फारसी के उपसर्ग

उपसर्ग
अर्थ
उपसर्ग से निर्मित शब्द
अल
निश्चत
अलविदा,अलबता,अलहदा,अलबेला,अलमस्त
कम
थोडा,हीन
कमबख्त ,कमजोर ,कमसिन ,कमकीमत
खुश
प्रसन्न
खुशदिल ,खुशमिजाज ,खुशनुमा ,खुशहाल ,खुशनसीब
गैर
निषेध
गैरकानूनी ,गैरहाजिर ,गैरकौम,गैरसरकारी
दर
में
दरअसल ,दरकार,दरमियान ,दरबदर ,दरबार
ना
नहीं
नालायक ,नापसंद ,नामुमकिन ,नाकाम ,नाराज
अनुसार
बकायदा ,बदमाश ,बदचलन ,बदसूरत
बे
बिना
बेचारा ,बेहिसाब ,बेमिसाल ,बेहाल,बेदाग
ला
परे
लापरवाह ,लाचार,लावारिस ,लापता ,लाजवाब
हम
साथ
हमदर्दी ,हमराज ,हमदम ,हमराह ,हमदर्द ,हमसफ़र
वेश
अत्यधिक
वेशकीमती ,वेशकीमत
नेक
भला
नेकराह ,नेकदिल ,नेकनाम
ऐन
ठीक
ऐनवक्त ,ऐनजगह

2) अंग्रेजी उपसर्ग 

उपसर्ग
अर्थ
उपसर्ग से निर्मित शब्द
सब
छोटा 
सब रजिस्टर ,सब इंस्पेक्टर ,सब कमेटी ,सब जज
हैड
प्रमुख
हैडमास्टर ,हैडऑफिस
एक्स
मुक्त
एक्सप्रेस ,एक्स प्रिंसिपल,एक्स कमिश्नर
हाफ
आधा
हाफटिकट ,हाफरेट ,हाफपेन्ट,हाफकमीज
को
सहित
को-ऑपरेटिव ,को-ऑपरेशन, को-स्टार
वाईस
उप
वाईस प्रिन्सिपल  ,वाईस प्रेसिडेंट
जनरल
सामान्य
जनरल मैनेजर


उपसर्ग की तरह प्रयुक्त अव्यय
उपयुर्क्त उपसर्ग के अतिरिक्त हिंदी में संस्कृत के कुछ अव्यय ,विशेषण ओंर शब्दार्थ भी उपसर्गों की तरह प्रयुक्त होते है | जैसे

उपसर्ग
अर्थ
उपसर्ग से निर्मित शब्द
निषेध
अकृत्रिम ,अधर्म,अमूल्य ,अनाथ
अमा

अमावस्या ,अमात्य
अलं
बहुत
अलंकार ,अलंकृत
आविष्

आविष्कार ,आविष्कृत
चिर
बहुत
चिरकाल ,चिरायु ,चिरंजीव ,चिरनिद्रा
तत्
उस समय
तत्काल ,तत्पर
स्व
अपना
स्वनाम ,स्वराज्य,स्वदेश ,स्वतंत्र
स्वयं
अपने , आप
स्वयंभू ,स्वयंवर ,स्वयंसेवक
पुरस्
आगे
पुरस्कार ,पुरस्कृत
तिरस्
हीन बुरा 
तिरस्कार ,तिरस्कृत
पूर्व
पहले
पूर्वज ,पूर्वाह्न

कुछ अन्य शब्द जो उपसर्ग की तरह प्रयुक्त होते हैं

उपसर्ग
उपसर्ग से निर्मित शब्द
आवा
आवागमन ,आवाजाही
उद्
उदयम ,उद्धार
काम
कामयाब ,कामकाज ,कामचोर ,
बर
बरदाश्त,बरबाद,
भू
भूगोल ,भूधर ,भूचर ,भूतल ,भूदेव , भूपति
स्वी
स्वीकार्य,स्वीकार ,स्वीकृत
मंद
मंदबुद्धि,मंदगति
मत
मतदान ,मतपत्र,मतदाता ,मतवाला ,मतगणना
मधु
मधुकर ,मधुबन ,धुबाला ,मधुमेह ,मधुस्वर
मन
मनचला ,मनचाहा ,मनमोहन ,मनभावना
महा
महाभारत ,महायान ,महाराज ,महाराष्ट्र
मान
मानदंड ,मानसरोवर
रंग
रंगमंच ,रंगशाला ,रंगरूप ,रंगरेज
लेखा
लेखाकार ,लेखापाल ,लेखांकन
लोक
लोकगीत ,लोककथा ,लोकाचार ,लोकनाथ ,लोकतंत्र
मूल
मूलभूत ,मूलधन ,मूलबंध
वज्र
वज्रदंत ,वज्रांग

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