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चंद्र्गाहना से लौटती बेर/पठित पद्यांश


चंद्र्गाहना से लौटती बेर
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिये गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये
और सरसों की न पूछो
हो गयी सबसे सयानी,
हाथ पीले कर लिए हैं
ब्याह मंडप में पधारी
फाग गाता मास फागुन
आ गया है आज जैसे |
देखता हूँ मैं; स्वयंबर हो रहा है,
प्रकृति का अनुराग - अंचल हिल रहा है
इस विजन में,
दूर व्यापारिक नगर से
प्रेम की प्रिय भूमि उपजाऊ अधिक है
( ) कवि ने ऐसा क्यों कहा कि सरसों की न पूछो ? 2
( ) इस विजन में .............उपजाऊ आदिक है का आशय स्पष्ट कीजिये | 2  
( ) व्यापारी शब्द से प्रत्यय अलग कर मूल शब्द लिखिए | 1

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