वाख
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए – 2+2+1=5
रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही मैं नाव |
जाने कब सुन मेरी पुकार, करें देव भवसागर पार |
पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे |
जी में उठती रह-रह हूक, घर जाने की चाह है घेरे ||
1) कवयित्री प्रभु प्राप्ति के लिए जो प्रयास कर रही है, वे व्यर्थ क्यों
हो रहे हैं ?
2) कच्चे सकोरों तथा कवयित्री के द्वारा किए गए प्रयासों
में समानता स्पष्ट कीजिए |
3) कवयित्री किसे पुकार रही है तथा उसकी इच्छा क्या है ?
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