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संस्कृति - भदंत आनंद कौसल्यायन


संस्कृति - भदंत आनंद कौसल्यायन
निम्नलिखित गद्यांश से पूछे गए प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए -
1.
एक संस्कृत व्यक्ति किसी नयी चीज की खोज करता हैऋ किंतु उसकी संतान को वह अपने पूर्वज से अनायास ही प्राप्त हो जाती है। जिस व्यक्ति की बुद्धि ने अथवा उसके विवेक ने किसी भी नए तथ्य का दर्शन कियावह व्यक्ति ही वास्तविक संस्कृत व्यक्ति है और उसकी संतान जिसे अपने पूर्वज से अनायास ही प्राप्त हो गई हैवह अपने पूर्वज की भाँति सभ्य भले ही बन जाएसंस्कृत नहीं कहला सकता। एक आधुनिक उदाहरण लें। न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का आविष्कार किया। वह संस्कृत मानव था। आज के युग का भौतिक विज्ञान का विद्यार्थी न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण से तो परिचित है हीऋ लेकिन उसके साथ उसे और भी अनेक बातों का ज्ञान प्राप्त है जिनसे शायद न्यूटन अपरिचित ही रहा। ऐसा होने पर भी हम आज के भौतिक विज्ञान के विद्यार्थी को न्यूटन की अपेक्षा अध्कि सभ्य भले ही कह सकें पर न्यूटन जितना संस्कृत नहीं कह सकते।
प्रश्न -
1. ‘पूर्वज’ का अर्थ है -
2. भौतिक विज्ञान के विद्यार्थी को क्या कह सकते है ?
3. संस्कृत व्यक्ति किसे कह सकते है ?
उत्तर
1-   पूर्वज’ का अर्थ है-पहले जन्म लेने वाला/वाले |
2-   भौतिक विज्ञान के विद्यार्थी को सभ्य मानव कहा जा सकता है |
3- जिस व्यक्ति की बुद्धि ने अथवा उसके विवेक ने किसी भी नए तथ्य का दर्शन कियावह व्यक्ति ही वास्तविक संस्कृत व्यक्ति है
1.    
       संस्कृति और सभ्यतासभ्यता है संस्कृति का परिणाम । हमारे खाने-पीने के तरीकेहमारे ओढ़ने के तरीकेहमारे गमना-गमन के साध्नहमारे परस्पर कट मरने के तरीकेऋ सब हमारी सभ्यता है। मानव की जो योग्यता उससे आत्म-विनाश के साधनों का आविष्कार कराती हैहम उसे उसकी संस्कृति कहें या असंस्कृतिऔर जिन साधनों के बल पर सह दिन-रात आत्म-विनाश में जुटा हुआ हैंउन्हें हम उसकी सभ्यता समझें या असभ्यतासंस्कृति का यदि कल्याण की भावना से नाता टूट जाएगा तो वह असंस्कृति होकर ही रहेगी और ऐसी संस्कृति का अवश्यंभावी परिणाम असभ्यता के अतिरिक्त दूसरा क्या होगा?
प्रश्न -
1सभ्यता किसका परिणाम है ?
2संस्कृति असंस्कृति कब बन जाएगी?
3संस्कृति का संबंध किससे है ?
उत्तर 
1-   सभ्यता संस्कृति का परिणाम है |
2-   संस्कृति से कल्याण की भावना को अलग करने पर वह असंस्कृति बन जाएगी |
3-संस्कृति का सम्बन्ध मानव कल्याण की भावना से है |
3.
‘‘भौतिक प्रेरणाज्ञानेप्सा’’-क्या ये दो ही मानव संस्कृति के माता-पिता हैंदूसरे के मुँह में कौर डालने के लिए जो अपने मुँह का कौर छोड़ देता हैउसको यह बात क्यों और कैसे सूझती हैरोगी बच्चे को सारी रात गोद में लिए जो माता बैठी रहती हैवह आखिर ऐसा क्यों करती हैसुनते हैं कि रूस का भाग्यविधाता लेनिन अपनी डैस्क में रखे हुए डबल रोटी के सूखे टुकड़े स्वयं न खाकर दूसरों को खिला दिया करता था। वह आखिर ऐसा क्यों करता थासंसार के मजदूरों को सुखी देखने का स्वप्न देखते हुए कार्ल मार्क्स ने अपना सारा जीवन दुख में बिता दिया। और इन सबसे बढ़कर आज नहींआज से ढाई हजार वर्ष पूर्व सिद्दार्थ ने अपना घर केवल इसलिए त्याग दिया कि किसी तरह तृष्णा के वशीभूत लड़ती-कटती मानवता सुख से रह सके।
प्रश्न -
1. यह गद्यांश किस पाठ से लिया गया है ?
2. मानव-संस्कृति के माता-पिता किन्हें माना गया है ?
3. मजदूरों को सुखी देखने के लिए किसने अपना जीवन दुःख में बिता दिया ?
उत्तर -
1-   यह गद्यांश संस्कृति’ पाठ से लिया गया है |
2-   ‘‘भौतिक प्रेरणाज्ञानेप्सा’’-इन्हें ही मानव संस्कृति के माता-पिता माना गया है |
3- संसार के मजदूरों को सुखी देखने का स्वप्न देखते हुए कार्ल मार्क्स ने अपना सारा जीवन दुख में बिता दिया |
4.
आग के आविष्कार में कदाचित पेट की ज्वाला की प्रेरणा एक कारण रही। सूई-धागों के आविष्कार में शायद शीतोष्ण से बचने तथा शरीर को सजाने की प्रवृत्ति का विशेष हाथ रहा। अब कल्पना कीजिए उस आदमी की जिसका पेट भरा हैजिसका तन ढका हैलेकिन जब वह खुले आकाश के नीचे सोया हुआ रात के जगमगाते तारों को देखता है तो उसको केवल इसलिए नींद नहीं आती क्योंकि वह यह जानने के लिए परेशान है कि आखिर वह मोती भरा थाल क्या है?
प्रश्न -
1. मानव के द्वारा की गई कौन सी खोज भूख मिटाने’ के साथ जुड़ी हुई हो सकती है?
2. सर्दी-गर्मी से बचने के लिए आविष्कार किया गया होगा?
3. मनुष्य रात को खुले -आसमान के नीचे सो क्यों नहीं पाता?
उत्तर
1-   मानव के द्वारा की गई आग की खोज भूख मिटाने’ के साथ जुड़ी हुई हो सकती है |
2-  सर्दी-गर्मी से बचने के लिए सुई-धागे का आविष्कार किया गया होगा |
3-   मनुष्य रात को खुले -आसमान के नीचे सो क्यों नहीं पाता क्योंकि वह यह जानने के लिए परेशान है कि आखिर वह मोती भरा थाल क्या है?
लघुत्तरीय प्रश्न -
प्रश्न 1. संसार में किसी भी चीज को पकड़कर नहीं बैठा जा सकता क्यों?
उत्तर: प्रतिक्षण बदलते संसार में कोई भी वस्तु स्थायी अथवा अक्षुण्ण नहीं है। समय परिवर्तन के साथ-साथ उनमें बदलाव आता रहता है और आना भी चाहिए। इसलिए संसार में किसी भी चीज़ को पकड़कर नहीं बैठा जा सकता।
प्रश्न 2. आशय स्पष्ट कीजिए - फ्जिन साधनों के बल पर वह दिन-रात आत्म-विनाश में जुटा हुआ हैउन्हें हम उसकी सभ्यता समझें या असभ्यता।
आशय: मनुष्य ने अपनी योग्यताप्रवृत्ति अथवा प्रेरणा के द्वारा अपने आत्म-विनाश के अनेक साधन जुटा लिए हैं और वह ऐसे अन्य साधनों को जुटाने के दिन-रात लगा हुआ है। लेखक-प्रश्न करता है कि उन्हें हम उसकी सभ्यता समझें या असभ्यतावास्तव में हमें यह उनकी असभ्यता ही समझनी चाहिए क्योंकि उनमें मानव कल्याण की अपेक्षा मानव के अहित की भावना कार्यरत है।
प्रश्न 3. लेखक के अनुसार सभ्यता और संस्कृति में क्या अन्तर है?
उत्तर :लेखक के अनुसार व्यक्ति की वह योग्यताप्रवृत्ति अथवा प्रेरणा संस्कृति है जिसके बल पर वह आविष्कार करता है जबकि उसके द्वारा अपने लिए तथा दूसरों के लिए किया गया आविष्कार सभ्यता है।
प्रश्न 4. किस संस्कृति को कूड़े-करकट का ढेर कहा गया हैऔर क्यों?
उत्तर :उस संस्कृति को कूडे-करकट का ढेर कहा गया है जिसमें जातिवाद ऊँच-नीचछुआछूतअमीर-गरीबअनेक रूढ़ियाँअंधविश्वासधार्मिक कर्मकांडपरम्पराएँ आदर्श और जीवन मूल्यकुरीतियाँ सम्मिलित हैं। क्योंकि परिवर्तित समय में इनका कोई अर्थ नहीं रह गया है।
प्रश्न 5. सिद्दार्थ ने अपना घर क्यों त्याग दिया?
उत्तर आज से ढाई हजार वर्ष पूर्व सिद्दार्थ ने अपने घर का त्याग इसीलिए किया ताकि किसी तृष्णा के वशीभूत लड़ती-कटती मानवता सुख से रह सके। इसके लिए उन्होंने कठोर तपस्या की और सत्य की खोज भी की।
प्रश्न 6. संस्कृति निबंध् का प्रतिपाद्य / उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर संस्कृति निबंध् का उद्देश्य सभ्यता और संस्कृति शब्दों की व्याख्या करना है। सभ्यता और संस्कृति शब्दों का अर्थ स्पष्ट करना तथा मानव संस्कृति को अविभाज्य बताकर उसे मनुष्य के लिए कल्याणकारी बताना है।
प्रश्न 7. वास्तविक अर्थों में संस्कृत व्यक्ति’ किसे कहते है?
उत्तर अपनी बुद्धि अथवा विवेक के आधर पर किसी भी नए तथ्य का दर्शन करने वाला व्यक्ति वास्तविक अर्थो में संस्कृत व्यक्ति’ है। उदाहरणतया न्यूटन संस्कृत मनुष्य हैक्योंकि उसने अपनी बुद्धि के बल पर गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत खोजा।
प्रश्न 8. किन महत्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सुई-धगों का आविष्कार हुआ होगा?
उत्तर निम्नलिखित महत्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सुई-धगों का आविष्कार हुआ होगा-
 1 - तन ढकने के लिए
 2 - शीत तथा उष्णता से बचने के लिए
 3 - शरीर सजाने की प्रवृत्ति के कारण
आज कल यह तकनीक बहुत उपयोगी सिद्ध हो रही है। जूते सिलने से लेकर शल्य चिकित्सा तक में इसका उपयोग हो रहा है।
प्रश्न 9. लेखक ने सर्वस्व त्याग करने वाली संस्कृति को स्पष्ट करने के लिए किन-किन महामानवों के उदाहरण दिए हैं?
उत्तर निम्नलिखित महामानवों के उदाहरण दिए हैं -
1 - रूस के भाग्य विधाता लेनिन द्वारा डैस्क में रखे हुए डबलरोटी के सूखे टुकड़ों को स्वयं न खाकर दूसरों को खिला देने का उदाहरण।
 2 - संसार भर के मजदूरों को सुखी देखने की इच्छा में स्वयं के जीवन को कष्ट पूर्ण बनाने वाले कार्ल मार्क्स का उदाहरण।
 3 - दुखी मानवता को सुखी करने की इच्छा से सिद्धार्थ द्वारा गृह त्याग देने का उदाहरण।
प्रश्न 10. लेखक की दृष्टि में सभ्यता और संस्कृति की सही समझ अब तक क्यों नहीं बन पाई है?
उत्तर सभ्यता और संस्कृति की सही समझ इसलिए नहीं बन पाई क्योंकि हम इन दोनों बातों को एक ही समझते हैं। यह जानना जरूरी है कि दोनों एक नहीं हैंफिर भी इनमें इतनी नजदीकी है कि इनमें स्पष्ट अंतर सामान्य लोगों को नहीं समझ आते हैं।
प्रश्न 11. संस्कृति पाठ का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर संस्कृति पाठ के निम्नलिखित उद्देश्य हैं -
 1 - संस्कृति-असंस्कृतिसभ्यता-असभ्यताजैसे शब्दों का सही अर्थ बताना।
 2 - हिन्दू संस्कृति और मुस्लिम संस्कृति जैसे विभाजनों की निन्दा करना।
 3 - साम्यवादी विचारधाराओं को बढ़ावा देना।
प्रश्न 12. लेखक के अनुसार सभ्यता क्या है?
उत्तर लेखक के अनुसार सभ्यता संस्कृति का परिणाम है। मनुष्य के खाने-पीने के तरीके पहनने ओढ़ने के तरीके हमारे यातायात के साधनों का उपयोग जीवन जीने का तरीका ही सभ्यता है।

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