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आत्म कथ्य…(जयशंकर प्रसाद)


आत्म कथ्य…(जयशंकर प्रसाद)
(1)
मधुप गुन गुना कर कह जाता कौन कहानी वह अपनी|
मुरझाकर गिर रहीं पत्तियां देखो कितनी यह आज धनी|
इस गंभीर अनंत नीलिमा में असंख्य जीवन इतिहास|
यह लो, करते ही रहते है अपना व्यंग्य मलिन-उपहास|
तब भी कहते हो- कह डालूँ दुर्बलता अपनी बीती।
तुम सुनकर सुख पाआगे, देखोगे- यह गागर रीती|
किंतु कहीं ऐसा न हो कि तुम ही खाली करने वाले-
अपने को समझो, मेरा रस ले अपनी भरने वाले|
यह विडंबना ! अरी सरलते तेरी हँसी उडाऊँ मैं
भूलें अपनी या प्रवंचना औरों की दिखालाऊँ मैं

प्रश्न 1 गागर-रीती से क्या आशय है?
उत्तर -इसका अर्थ है- कवि का विगत जीवन उपलब्धियों से रहित रहा है |
प्रश्न 2 मुरझाकर गिरती पत्तियाँ से कया अर्थ निकलता है ?
उत्तर - मुरझाकर गिरती पतियॉं जीवन की नश्वरता का प्रतीक हैं |
प्रश्न 3 कवि अपनी आत्मकथा क्यों नहीं सुनाना चाहता है ?
उत्तर: कवि के जीवन में सुख के क्षण क्षण मात्र ही हैं उसके जीवन में सर्वत्र दुख ही दुख है अत वह अपनी आत्मकथा नहीं सुनाना चाहता है।
(2)
उज्ज्वल गाथा कैसे गाउँमधुर चाँदनी रातों की।
अरे खिल-खिलाकर हँसते होने वाली उन बातों की।
मिला कहाँ वह सुख जिसका मै स्वप्न देखकर जाग गया
जिसके अरुण कपोलों की मतवाली सुन्दर छाया में .
अनुरागानी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में
उसकी स्म्रृति पाथेय बनी हैं थके पाथिक की पंथा की
 सीवान को उधेड़ कर देखोगे क्यों मेरी कंथा की ।
प्रश्न 1 किसकी स्मृति कवि के लिए पाथेय बनी है ?
उत्तर:  जो कवि का प्रिय पात्र था तथा जिसका सानिध्य कवि को प्राप्त न हो सका उसकी स्मृति कवि के लिए पाथेय बनी है।
प्रश्न 2 कवि अपनी कंथा की सीवन क्यों नहीं उधेडना चाहता ?
उत्तर: कवि अपनी कथा की सीवन इसलिए नहीं उधेडना चाहता कयोंक वह अपने जीवन की पुरानी यादों को
ताजा नहीं करना चाहता। ये यादें न केवल उसे दुख देगी बल्कि दूसरे लोगों के साथ किए गए बुरे व्यवहार को भी उद्घाटित कर देगी।
प्रश्न 3 कवि ने अपने को थका हुआ पथिक कयों कहा है ?
उत्तर: कवि ने उम्र के इस पडाव तक आने के लिए लंबा रास्ता तय किया है तथा काफी दुख भी झेले है। इन् सब स्थितियों को झेलकर वह काफी थक गए है।
लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1- कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है ?
उत्तर: कवि आत्मकथा लिखने से बचना चाहता है क्योंकि उसके जीवन में कहने या लिखने को कुछ विशेष नहीं है साथ ही वह अपने जीवन की पुरानी यादों को ताज़ा नहीं करना चाहता क्योंकि ये यादें न केवल उसे दुख देगीं बल्कि दूसरे लोगों के कवि के साथ किए गए बुरे व्यवहार को भी उद्धाति कर देगीं।
प्रश्न2-  स्मृति को पाथेय बनाने का क्या अर्थ है?
उत्तर:पाथेय का अर्थ होता है सँबल या सहारा। स्मृति को पाथेय बनाने का अर्थ है कि कवि अपनी पुरानी यादोँ के सहारे ही ज़िंदगी बिता रहा है क्योँकि उसके वर्तामान जीवन मेँ ऐसा कुछ भी नहीँ है जो उसे धीरज बँधा सके।
प्रश्न3- उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ मधुर चाँदनी रातोँ की- कथन  के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर:कवि कहना चाहता है कि निजी प्रेम के मधुर क्षण सबके सामने प्रकट करने योग्य नही होते। यह व्यक्ति के निजी अनुभव होते हैँ । साथ ही प्रसाद का वह प्रेम असफल भी था अतः इस बारे में कुछ कहना सही नहीं है|

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