प्रश्न
7.‘मैं अब पुस्तकों के भीतर था।’ नीचे दिए गए विकलों में से कौन-सा इस वाक्य का अर्थ बतलाता है-
(क) लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया।
(ख) लेखक पुस्तकों की शैल्फ़ के भीतर चला गया।
(ग) लेखक के चारों ओर पुस्तकें ही थीं।
(घ) पुस्तक में लेखक का परिचय और चित्र छपा था।
उत्तर-(क)
लेखक
पुस्तकें
पढ़ने
में
रम
गया।
प्रश्न
8.सुमति
के
यजमान
और
अन्य
परिचित
लोग
लगभग
हर
गाँव
में
मिले।
इस
आधार
पर
आप
सुमति
के
व्यक्तित्व
की
किन
विशेषताओं
का
चित्रण
कर
सकते
हैं?
उत्तर-सुमति के यजमान और परिचितों के हर गाँव में मिलने से उनकी अनेक विशेषताओं का पता चलता है; जैसे-
सुमति
मिलसार
और
हँस–मुख व्यक्ति थे जिनकी जान-पहचान का दायरा विस्तृत था।
सुमति
अपने
यजमानों
को
बोध
गया
से
लाए
कपड़े
के
गंडे
बनाकर
दिया
करते
थे
और
उनसे
दक्षिणा
लेते
थे।
सुमति
लोगों
की
आस्था
का
अनुचित
लाभ
उठाते
थे
पर
इसकी
खबर
लोगों
को
नहीं
लगने
देते
थे।
वे
बौद्ध
धर्म
में
गहरी
आस्था
रखते
थे।
प्रश्न
9.हालाँकि उस वक्त मेरा भेष ऐसा नहीं था कि उन्हें कुछ भी ख़याल करना चाहिए था।’-उक्त कथन के अनुसार हमारे आचार-व्यवहार के तरीके वेशभूषा के आधार पर तय होते हैं। आपकी समझ से यह उचित है अथवा अनुचित, विचार व्यक्त करें।
उत्तर-यह बात सच है कि हमारे आचार-व्यवहार के तरीके वेशभूषा के आधार पर तय होते हैं। हम अच्छा पहनावा देखकर किसी को अपनाते हैं तो गंदे कपड़े देखकर उसे दुत्कारते हैं। लेखक भिखमंगों के वेश में यात्रा कर रहा था। इसलिए उसे यह अपेक्षा नहीं थी कि शेकर विहार का भिक्षु उसे सम्मानपूर्वक अपनाएगा।
मेरे
विचार
से
वेशभूषा
देखकर
व्यवहार
करना
पूरी
तरह
ठीक
नहीं
है।
अनेक
संत-महात्मा और भिक्षु साधारण वस्त्र पहनते हैं किंतु वे उच्च चरित्र के इनसान होते हैं, पूज्य होते हैं। परंतु यह बात भी सत्य है कि वेशभूषा से मनुष्य की पहचान होती है। हम पर पहला प्रभाव वेशभूषा के कारण ही पड़ता है। उसी के आधार पर हम भले-बुरे की पहचान करते हैं।
प्रश्न
10.यात्रा-वृत्तांत के आधार पर तिब्बत की भौगोलिक स्थिति का शब्द-चित्र प्रस्तुत करें। वहाँ की स्थिति आपके राज्य/ शहर से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर
यात्रा वृत्तांत से ज्ञात होता है कि तिब्बत भारत और नेपाल से लगता हुआ देश है जहाँ कुछ समय तक आने-जाने पर प्रतिबंध था। यह स्थान समुद्र तल से काफ़ी ऊँचा है। यहाँ सत्रह-अठारह हजार फीट ऊँचे डाँड़े हैं जो खतरनाक जगहें हैं। ये डाँडे नदियों के मोड़ और पहाड़ी की चोटियों के कारण बहुत ऊँचे-नीचे हैं। यहाँ एक ओर हज़ारों बरफ़ से ढंके श्वेत शिखर हैं तो दूसरी ओर भीटे हैं जिन पर बहुत कम बरफ़ रहती है। यहाँ विशाल मैदान भी हैं जो पहाड़ों से घिरे हैं। यहाँ के विचित्र जलवायु में सूर्य की ओर मुँह करके चलने पर माथा जलता है जबकि कंधा और पीठ बरफ़ की तरह ठंडे हो जाते हैं। यह स्थिति हमारे राज्य/शहर से पूरी तरह भिन्न है।
प्रश्न
12. यात्रा-वृत्तांत गद्य साहित्य की एक विधा है। आपकी इस पाठ्यपुस्तक में कौन-कौन सी विधाएँ हैं? प्रस्तुत विधा उनसे किन मायनों में अलग है?
उत्तर-क्षितिज के पाठ और विधाएँ इस प्रकार हैं-
पाठ
– विधा
दो
बैलों
की
कथा
– कहानी
ल्हासा
की
ओर
– यात्रा
वृत्तांत
उपभोक्तावाद
की
संस्कृति
– निबंध
साँवले
सपनों
की
याद
– संस्मरण
नाना
साहब
की
पुत्री
देवी
– रिपोर्ताज
मैना
को
भस्म
कर
दिया
गया
प्रेमचंद
के
फटे
जूते
– व्यंग्य
मेरे
बचपन
के
दिन
– संस्मरण
एक
कुत्ता
और
एक
मैना
– निबंध
यह
पाठ
अन्य
विधाओं
से
इसलिए
अलग
है
क्योंकि
यह
यात्रा
वृत्तांत’
है
जिसमें
लेखक
द्वारा
तिब्बत
की
यात्रा
का
वर्णन
किया
गया
है।
यह
उसकी
यात्रा
का
अनुभव
है
न
कि
मानव
चरित्र
का
चित्रण
जैसा
कि
अन्य
विधाओं
में
होता
है।
SIR I HAVE DONE THIS
ReplyDeleteHello sir
ReplyDeleteI am Ritu sister of Mohini and I had completed my hindi work
Good evening sir ,
ReplyDeleteI am Ridhi I done my work of hindi
I Pradeep Dwivedi completed my work
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