कहानी से आगे
प्रश्न
1.आपने
इस
कहानी
में
महीनों
के
नाम
पढ़े,
जैसे-क्वार, आषाढ़, माघ। इन महीनों में मौसम कैसा रहता है, लिखिए।
उत्तर - क्वार – न अधिक गरमी न अधिक सरदी।
आषाढ़
– भयानके
गरमी
व
कभी-कभी कुछ वर्षा।
माघ
– अत्यधिक
सरदी।
प्रश्न
2. अपने-अपने मौसम की अपनी-अपनी बातें होती हैं’-लेखक के इस कथन के अनुसार, यह बताइए कि किसे मौसम में कौन-कौन सी चीजें विशेष रूप से मिलती हैं?
उत्तर-
मौसम
तीन
होते
हैं-सरदी, गरमी और बरसात
सरदी-
सरदी
के
मौसम
में
अत्यधिक
ठंड
पड़ती
है।
लोग
गर्म
पेय
पीना
पसंद
करते
हैं।
फलों
में
सेब,
अमरूद,
केले
व
अंगूर
तथा
सब्जियों
में
पालक,
बथुआ,
सरसों,
मटर,
फूलगोभी
व
मूली
अधिक
मात्रा
में
मिलते
हैं।
गरमी-
गरमी
के
मौसम
में
आम,
लीची,
खरबूजा,
तरबूज,
खीरा,
ककड़ी,
अंगूर
जैसे
फल
पाए
जाते
हैं।
सब्जियों
में
भिंडी,
टिंडा,
तोरई,
घीया,
कटहल,
खीरा,
ककड़ी
आदि
अधिक
मिलते
हैं।
बरसात-
बरसात
के
मौसम
में
अत्यधिक
वर्षा
होती
है।
फलों
में
कई
प्रकार
के
आम,
आलूबुखारा,
खुरमानी
के
अलावे
इस
मौसम
के
सब्जियों
में
बैंगन,
करेले,
परवल,
फलियाँ
आदि
काफ़ी
मात्रा
में
पाए
जाते
हैं।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न
1. इस
कहानी
में
कई
बार
ऋण
लेने
की
बात
आपने
पढ़ी।
अनुमान
लगाइए,
किन-किन पारिवारिक परिस्थितियों में गाँव के लोगों को ऋण लेना पड़ता होगा और यह उन्हें कहाँ से मिलता होगा? बड़ों से बातचीत कर इस विषय में लिखिए।
उत्तर-
गाँव
के
लोग
प्रायः
आर्थिक
तंगी
से
परेशान
रहते
हैं।
कई
बार
ऐसी
परिस्थितियाँ
आ
जाती
हैं
जब
लोग
ऋण
शादी-विवाह के खर्च के लिए मकान बनवाने के लिए, बच्चों की फ़ीस जमा करने के लिए, फसलों की बुआई के लिए, बच्चों की पढ़ाई के लिए, पशु खरीदने के लिए, किसी पारिवारिक सदस्य की मृत्यु के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए, प्रायः लोग ऋण लिया करते हैं।
यह
ऋण
उन्हें
गाँव
के
ज़मीदारों
व
साहूकारों
से
मिलता
है।
इसके
अलावे
यह
ऋण
सहकारी
बैंक,
राष्ट्रीयकृत
बैंक,
सरकार
के
विभागों,
डाकघर
से
तथा
सहकारी
समितियों
से
लोगों
को
विभिन्न
प्रयोजनों
के
लिए
ऋण
मिलने
लगा
है।
प्रश्न
2. घर
पर
होनेवाले
उत्सवों/समारोहों में बच्चे क्या-क्या करते हैं? अपने और अपने मित्रों के अनुभवों के आधार पर लिखिए।
उत्तर - घर पर होनेवाले उत्सवों/समारोहों में बच्चे नए-नए कपड़े पहनकर, नाना प्रकार के व्यंजनों का आनंद लेकर व नाच-गाकर खूब मस्ती करते हैं।
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