लेखक-परिचय :-
परिचय
जन्म : 1929, जलालपुर, बनारस (उत्तर प्रदेश)
भाषा :
हिंदी
विधाएँ : उपन्यास,
कहानी, निबंध, आलोचना
मुख्य
कृतियाँ
उपन्यास : अलग-अलग वैतरणी, गली आगे मुड़ती
है, नीला चाँद, शैलूष, हनोज दिल्ली दूर अस्त, औरत, वैश्वानर
कहानी संग्रह : आर पार की माला,
कर्मनाशा की हार, शाखा मृग, इन्हें भी इंतजार है, मुर्दा सराय, राग गूजरी, भेदिए
निबंध संग्रह : शिखरों के सेतु,
कस्तूरी मृग, चतुर्दिक
रिपोतार्ज : अंतरिक्ष के मेहमान
नाटक : घाटियाँ गूंजती हैं
आलोचना : विद्यापति, आधुनिक परिवेश और नवलेखन, आधुनिक परिवेश और
अस्तित्ववाद
जीवनी : उत्तरयोगी श्री अरविंद
संपादन : शांतिनिकेतन से शिवालिक
तक
कहानी का सारांश :-
प्रस्तुत पाठ में लेखक ने अपनी दादी माँ की
यादों का वर्णन किया है उनकी दादी उनके परिवार की मुखिया थी | वे सुख – दुःख में
पुरे गाँव की मुखिया बन जाती थी | उनकी छ्त्रछाया में कोई अपने आप को अकेला नही
समझता था | लेखक को अपने बचपन
के दिनों की बहुत सी बातें याद है | जब कभी लेखक बीमार होता तो उनकी दादी उनका बहुत
ख्याल रखती थी दादी माँ को गाँव में मिलने वाली बहुत सी दवाओं के नाम याद थे |
लेखक
को अपने परिवार में दादी माँ के रहते किशन भाई की शादी अच्छी तरह से याद है | दादी
माँ ने अपने जीवन में बहुत से सुख दुःख देखे थे अनेक मुश्किल के वक्त में अपने
परिवार की सहायता की थी | जब लेखक को दादी माँ के नही होने का सामाचार मिला तो
उनको विश्वास नही हो रहा था
कठिन
शब्दों के अर्थ :-
शुभचिंतक – भला चाहने वाला
ज्वर - बुखार
विलंब – देरी
भंडा फोड़ देना – भेद खुलना
वात्याचक्र – तूफ़ान
जाड़ा – सर्दी
I am mohnish has been joined
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