निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए. अंक 5
काशी के सेठ गंगादास एक दिन गंगा में स्नान कर रहे थे कि तभी एक व्यक्ति नदी में कूदाऔर डुबकियाँ खाने लगा । सेठजी तेजी से तैरते हुए उसके पास पहुँचे और किसी तरह खींच कर उसेकिनारे ले आए । वह उनका मुनीम नंदलाल था। उन्होंने पूछा, ‘आप को किसने गंगा में फेंका?’नंदलाल बोला, ‘ किसी ने नहीं, मैं तो आत्महत्या करना चाहता था। ‘सेठजी ने इसका कारण पूछा तोउसने कहा, ‘मैंने आप के पाँच हजार रुपये चुरा कर सट्टे में लगाए और हार गया। मैंने सोचा किआप मुझे जेल भिजवा देंगे इसलिए बदनामी के डर से मैंने मर जाना ही ठीक समझा।’ कुछदेरतक सोचने केबाद सेठजी ने कहा, ‘तुम्हारा अपराधमाफ किया जा सकता है लेकिन एक शर्त है किआज से कभी किसी प्रकार का सट्टा नहीं लगाओगे।’ नंदलाल ने वचन दिया कि वह अब ऐसे काम नहीं करेगा। सेठ ने कहा, ‘जाओ माफ किया। पाँच हजार रुपये मेरे नाम घरेलू खर्च में डाल देना।’मुनीम भौंचक्का रह गया। सेठजी ने कहा, ‘तुमने चोरी तो की है लेकिन स्वभाव से तुम चोर नहीं हो।तुमने एक भूल की है, चोरी नहीं। जो आदमी अपनी एक भूल के लिए मरने तक की बात सोच ले,वह कभी चोर हो नहीं सकता।
1 सच्चे भक्त से तात्पर्य है.
1 बिना स्वार्थ केपूजा करना
2 रोज मंदिर जाना
3 एक ही भगवान की पूजा करना
4 अपने धर्म में कट्टरता
2 मुनीम आत्महत्या क्यों करना चाहता था.
1 जीवन से छुटकारा पाने केलिए
2 सेठजी को प्रभावित करने के लिए
3 दुनिया को दिखाने के लिए
4 अपराध होने के कारण
3 हमें समाज में किस चीज का डर सबसे ज्यादा होता है.
1 परिवार का
2 नौकरी का
3 रुतबे का
4 बदनामी का
4 सेठजी को मालूम था कि मुनीम चोर है लेकिन फिर उन्होंने उसे छोड़ दिया क्योंकि.
1 बाद में उसे जीवन भर गुलाम बनाना चाहते थे
2 भूल सुधारने का मौका देना चाहते थे
3 दुनिया को प्रभावित करना चाहते थे
4 समाज में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाना चाहते थे
5 गद्यांश का उचित शीर्षक हो सकता है.
1 ‘चोरी की सजा’
2 ‘मेरा प्रण’
3 ‘सेठजी की दयालुता’
4 ‘मुनीम जी का दुख’
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