निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों केउत्तर सही विकल्प
छाँटकर लिखिए अंक 5
नहीं, ये मेरे देश की आँखें नहीं हैं
पुते गालों केउपर
नकली भवों के नीचे
छाया प्यार के छलावे बिछाती
मुकुर से उठाई हुई
मुसकान मुसकराती
ये आँखें
नहीं, ये मेरे देश की नहीं हैं................
तनाव से झुर्रियाँ पड़ी कोरों की दरार से
शरारे छोड़ती घृणा से सिकुड़ी पुतलियाँ-
नहीं, वे मेरे देश की आँखें नहीं हैं...........
वन डालियों केबीच से
चौंकी अनपहचानी
कभी झाँकती हैं वे आँखें,
मेरे देश की आँखें,
खेतों के पार
मेड़ की लीक धरे
क्षितिज-रेखा खीजती
सूनी कभी ताकती हैं
वे आँखें
डलिया हाथ से छोड़ा
और उड़ी धूल बादल के
बीच में से झलमलाते
जाड़ों की अमावस में से
मैले चाँद-चेहरे सकुचाते
में टँकी थकी पलके उठाई
और कितने काल-सागरों के पार तैर आई मेरे देश की आँखें...........
1 ‘पुते गालों एवं नकली भवों’ से कवि का क्या आशय है।
1 तरक्की एवं बनावटीपन
2 आध्ुनिकता एवं विकास
3 छलावा एवं बनावटीपन
4 छलावा एवं सूनापन
2 कवि किस प्रकार की आँखों को अपने देश की आँखें नहीं मानता ?
1 शर्माती एवं सकुचाती, प्यार का छलावा करती आँखों को
2 तनाव एवं घृणा से भरी, प्यार का इज़हार करती आँखों को
3 ग्रामीण जन-जीवन की सहजता के भरी आँखों को
4 तनाव एवं घृणा से भरी, प्यार का छलावा करती आँखों को
3 कवि किन आँखों को अपने देश की आँखें मानता है ?
1 जिनमें तनाव एवं घृणा भरी हो
2 जिनमे ग्रामीण जन-जीवन की सहजता हो
3 जिनमें प्यार का छलावा हो
4 जिनमें ग्रामीण जन-जीवन की जटिलता हो
4 कवि देश की पहचान के विषय में क्या कहना चाह रहा है?
1 देश की पहचान गाँवों के जीवन की सहजता के कारण नहीं शहरी बनावटीपन के कारण है।
2 देश की पहचान शहरों के विकास के कारण है गाँवों के पिछड़ेपन के कारण नहीं है।
3 देश की पहचान शहरों के बनावटीपन केकारण नहीं गाँवों केजीवन की सहजता के कारण है ।
4 देश की पहचान सूनी ताकती आँखों के कारण नहीं पुते गालों के कारण है ।
5 इस काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक होगा
1 मुस्कराती मुस्कान
2 गर्वीली भवें
3 छाया प्यार की
4 आँखें मेरे देश की
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