निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों केउत्तर सही विकल्प छाँटकर लिखिए
अंक 5
बहुत बड़ी बरबादी की
इस धरती पर आबादी की
यूँ फसल उगाते जाओगे
अब वह दिन ज्यादा दूर नहीं
जब सिर धुन धुन पछताओगे ।
तुम कितने जंगल तोड़ोगे,
कितने वृक्षों को काटोगे,
इस शस्य श्यामला घरती को
कितने टुकड़ों में बाँटोगे ?
है किंचित तुमको सबर नहीं
क्या ये भी तुमको खबर नहीं ?
ये धरतीतो बस घरती है,
ये धरतीकोई रबर नहीं,
बोते हो पेड़ बबूलों के
फिर आम कहाँ से खाओगे ?
वह बढ़ती जाती बदहाली,
खो गई सुबह की तरुणाई,
खो गई शाम की वह लाली,
बिन वर्षा के इस धरती पर,
तुम कैसे अन्न उगाओगे ?
यह गंगा भी अब मैली है,
जल की हर बूँद विषैली है,
इस दूषित जल के पीने से,
नित नई बीमारी फैली है।
1 मनुष्य धरती पर फसल उगा रहा है
1 घृणा की फसल
2 प्रेम की ़फसल
3 बढ़ती जनसंख्या की फसल
4 आम की फसल
2 ‘शस्य श्यामला धरा’ से अभिप्राय है
1 काली सूखी धरा
2 हरी-भरी उपजाऊधरा
3 बंजर धरा
4 सूखी फटी धरा
3 गंगा का जल कैसा हो गया है ?
1 निर्मल व पवित्र
2 अथाह
3 सूख गया है
4 मैला व प्रदूषित
4 काव्यांश संदेश दे रहा है
1 पर्यावरण को बचाने का
2 वृक्षारोपण का
3 जनसंख्या वृद्धि रोकने का
4 उपर्युक्त सभी
5 इस काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक होगा
1 बरबादी
2 शस्य श्यामला धरा
3 बबूल की फसल
4 उपर्युक्त सभी
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