निम्नलिखित अपठित गद्यांशों को पढ़कर उससे संबंधित प्रश्नों के उत्तर
दीजिए। 5
‘‘मैं
जिस भारतीय प्रजातंत्र की कल्पना करता हूँ, उसका अध्यक्ष कोई
किसान ही होगा” - गाँधी जी की यह अभिलाषा देशरत्न डॉ.
राजेन्द्र प्रसाद के स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति होने पर निःसंदेह ही फलवती
सिद्ध हुई। राजेन्द्र प्रसाद जन्मना या कर्मणा किसान तो नहीं थे, पर किसान के सच्चे
प्रतिनिधि अवश्य थे। उनमें एक गँवई गाँव के किसान की - सी सादगी, सरलता, निश्छलता और कर्मठता विद्यमान थी। उनमें किसान की तपस्या भी थी और वे स्वभाव और वेशभूषा
से ठेठ किसान लगते थे। उन्होंने कभी स्वयं को भारत की ग्रामीण संस्कृति से अलग और
विशिष्ट बनाने का प्रयत्न नहीं किया। उनके
विचार, व्यवहार और वेशभूषा में भारतीयता की अमिट छाप थी।
(अ) गाँधी जी ने भारतीय
प्रजातंत्र के अध्यक्ष के बारे में क्या कल्पना की थी?
(क) भारतीय प्रजातंत्र का अध्यक्ष कोई सैनिक होगा।
(ख) भारतीय प्रजातंत्र का अध्यक्ष कोई किसान होगा।
(ग) भारतीय प्रजातंत्र का अध्यक्ष कोई राजा होगा।
(घ) भारतीय प्रजातंत्र का अध्यक्ष कोई आम आदमी होगा।
(आ) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद एक
सच्चे प्रतिनिधि थे - कैसे ?
(क) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद एक किसान के बेटे थे।
(ख) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद एक गाँव में पैदा हुए थे।
(ग) उनका व्यक्तित्व किसान जैसा था। गँवई किसान की -
सी सादगी और वेशभूषा
थी ?
थी ?
(घ) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद खेती करना जानते थे |
(इ) डॉ.राजेन्द्र प्रसाद के
व्यक्तित्व में कौन - कौन से गुण थे ?
(क) देशभक्ति, वीरता, कर्मठता और दृढ़ता के गुण थे।
(ख) वीरता के सभी गुण विद्यमान थे।
(ग) स्पष्टवादिता और निडरता के गुण विद्यमान थे।
(घ) सरलता, सादगी और निश्छलता
के गुण थे।
(ई) ‘निःसंदेह‘ शब्द का अर्थ बताइए।
(क) जिसमें संदेह हो। (ख) जिसमें
कोई संदेह न हो।
(ग) जिसमें शक हो। (घ) जिसमें शक की संभावना हो।
(उ) क्रमशः उपसर्ग और प्रत्यय
अलग करो – विशिष्टता , भारतीयता।
(क) वि उपसर्ग, ता प्रत्यय (ख)विशि उपसर्ग,
ता प्रत्यय
(ग) वि उपसर्ग, इयता प्रत्यय (घ) विश उपसर्ग, ता प्रत्यय
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