निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों केउत्तर सही विकल्प छाँटकर लिखिए
अंक 5
आँधियों ने गोद में हमको खिलाया है न भूलो
कंटकों ने सिर हमें सादर झुकाया है न भूलो
सिंधु को मथ कर कलेजा हम सुध भी शोध लाएरू
औ हमारे तेज से सूरज लजाया है न भूलो ।
वे हमीं तो हैं कि इक हुँकार से यह भूमि काँपी,
वे हमीं तो हैं, जिन्होंने तीन डग में सृष्टि नापी,
और वे भी हम, कि जिनकी सभ्यता के विजय रथ
धूल उड़कर छोड़ आई छाप अपनी विश्वव्यापी ।
वक्र हो आई भृकुटि तो ये अचल नगराज डोले,
दश दशाओं के सबल दिग्पाल ये गजराज डोले,
डोल उट्ठी है धरा, अंबर, भुवन, नक्षत्र-मंडल,
ढीठ अत्याचारियों के अंहकारी ताज डोले ।
सुयश की प्रस्तर-शिला पर चिह्न गहरे हैं हमारे,
ज्ञान-शिखरों पर धवल-विजचिह्न लहरे हैं हमारे,
वेग जिनका यों कि जैसे काल की अंगड़ाइयाँ हों,
उन तरंगों में निडर जलयान ठहरे हैं हमारे ।
लास्य भी हमने किए हैं और तांडव भी किए हैं,
वंश मीरा और शिव के, विष पिया है और जिए हैं,
दूध माँ का, या कि चंदन या कि केसर जो समझ लो
यह हमारे देश की रज है, कि हम इसके लिए हैं।
1 ‘हम’ शब्द का प्रयोग किसके लिए प्रयुक्त किया गया हैघ्
1 कवि केलिए
2 मानव मात्र के लिए
3 भारत वासियों के लिए
4 संपूर्ण विश्व के लिए
2 किसकी छाप विश्वव्यापी है?
1 पाश्चात्य सभ्यता की
2 मिश्र सभ्यता की
3 माया सभ्यता की
4 भारतीय सभ्यता की
3 पर्वत से लेकर क्रूर शासक कब डोलने लगते हैं ?
1 भूकंप आने पर
2 भारतवासियों के क्रोध आने पर
3 ज्वालामुखी फटने पर
4 प्रलय आने पर
4 भारतवासियों के स्वभाव की विशिष्टता है
1 मानव मात्र के प्रति संवेदना
2 अपनी शक्ति के प्रति अहंकार
3 सुख-सुविधाओं के लिए लालसा
4 सृष्टि के विनाश की चाह
5 ‘तांडव’ और ‘विष’ का उल्लेख किसके संदर्भ में किया गया है ?
1 मीरा
2 कृष्ण
3 पार्वती
4 शिव
No comments:
Post a Comment